प्रदेश कार्यसमिति की बैठक दिनांक 08.10.2022

पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा राजस्थान विद्युत कर्मचारी संघ के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी 14 अक्टूबर को
जिला मुख्यालयो पर करेंगे विशाल प्रदर्शन, विद्युत भवन के घेराव की चेतावनी

राजस्थान विद्युत कर्मचारी संघ की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक दिनांक 8 अक्टूबर 2022 को प्रदेशाध्यक्ष श्री सीताराम गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल आवाज बुलंद की। बैठक में राजस्थान के समस्त जिलो के प्रतिनिधियो ने एक स्वर में पुरानी पेंशन लागू करने, दीपावली से पूर्व बोनस एवं इंसेंटिव का भुगतान करने, तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तित करने, इण्टर डिस्कॉम स्थानांतरण एवं अनुकंपा आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को लिपिक बनाने सहित 27 सूत्री मांगपत्र के निराकरणे हेतु प्रदेशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया।

संघ के प्रदेश महामंत्री अमित मल्होत्रा ने बताया कि सरकार सिर्फ कर्मचारी हितेशी होने का दिखावा कर रही हैं जबकि वर्तमान समय में सबसे अधिक शोषण विद्युत कर्मचारियों का किया जा रहा हैं। सरकार की किसी भी योजना का पूरा लाभ बिजली कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है। पुरानी पेंशन योजना राज्य कर्मचारियों पर लागू की गई परंतु अब तक बिजली कर्मचारियों पर इसे लागू नहीं किया गया। इसी प्रकार आरजीएचएस येाजना का असीमित कवर का लाभ 1 जनवरी 2004 के प्श्चात नियुक्त कर्मचारियों केा अब तक नहीं दिया जा रहा हैं। दुर्घटना बीमा न्यूनतम 5 लाख से 30 लाख कर दिया गया परंतु अब तक बिजली कर्मचारियों को मात्र 2 लाख का बीमा दिया जा रहा हैं। सरकार की पहुंच प्रशासन से बहुत दूर हो चली हैं। प्रशासनिक अधिकारी सरकार की मंशा की विपरीत कार्य कर रहे हैं।

संघ के संयुक्त महामंत्री हरगोविंद शर्मा ने बताया कि एक ओर माननीय मुख्यमंत्री जी केंद सरकार की निजीकरण की नीति की खुले आम आलोचना कर रहे हैंं वही दूसरी ओर स्वयं पाली जिले को निजी हाथो में देने का निर्णय कर दोहरी नीति अपनाकर जनता एवं कर्मचारियों को बेवकूफ बना रहे हैं। प्रसारण निगम के 132@220 केवी जीएसएस क्लस्टर के माध्यम से निजी हाथो में देने की योजना बनाई जा रही हैं जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता हैं।

अमित मल्होत्रा ने बताया कि माननीय अशोक गहलोत जी आए दिन मीडिया में स्टेटमेंट दे रहे हैं कि सामाजिक सुरक्षा देने की दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना आवश्यक हैं एवं माननीय मोदी जी को भी पुरानी पेशन योजना लागू करनी चाहिए जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी के स्वयं के विभाग बिजली के कर्मचारियों पर इसे अब तक लागू नहीं किया गया हैं ये कहा का न्याय हैं, क्या कर्मचारी सिर्फ सरकार की राजनीति का हिस्सा हैं? क्या बिजली कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा नहीं मिली चाहिए? कोरोना काल में मृत्यु को प्राप्त किसी एक भी कर्मचारी के परिजन को 50 लाख का मुआवजा नहीं दिया गया हैं क्या कोरोना का इलाज बिना बिजली कर्मचारी के ड्यूटी किये सम्भव था?

बैठक में दिनांक 14 अक्टूबर 2022 को समस्त जिला मुख्यालयों पर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति का विरोध कर विशाल प्रदर्शन कर ध्यान आकर्षण रैली निकाली जायेगी तत्पश्चात भी अगर प्रशासन एवं सरकार ने पुरानी पेंशन लागू करने सहित प्रमुख मांगो का निराकरण नहीं किया तो नवम्बर माह में विद्युत भवन का घेराव किया जायेगा जिससे उत्पन्न होने वाली औ द्योगिक अशांति के लिये प्रशासन एवं राज्य सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।

(अमित मल्होत्रा)
प्रदेश महामंत्री